आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मोबाइल फोन एवं साइकिल प्रदाय की जायेंगीं – मंत्री श्रीमती इमरती देवी
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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का किया सम्मान
प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के एक दिवसीय राज्य स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मोबाइल फोन एवं साइकिल दी जायेंगी, ताकि वे अपने कार्य को बेहतर सुचारू रूप से कर सकें। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का ड्रेस कोड भी शीघ्र प्रदेश में लागू किया जायेगा।
मंत्री श्रीमती इमरती देवी मंगलवार को महात्मा गांधी सेवा आश्रम, जीआईजेड एवं डब्ल्रूएचएच के सहयोग से बाल भवन ग्वालियर में आयोजित एक दिवसीय राज्य स्तरीय आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सम्मेलन को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रही थीं। इस मौके पर पोषण शिक्षा पर आधारित वार्षिक कैलेण्डर एवं हैण्डवॉश किट का भी विमोचन किया गया।
कार्यक्रम में ग्वालियर संभाग के आयुक्त श्री एम बी ओझा, ग्रामीण कांग्रेस के जिला अध्यक्ष श्री मोहन सिंह राठौर, गाँधी सेवा आश्रम जौरा के श्री रणसिंह परमार, जीआईजेड जर्मनी की संस्था की सलाहकार नदीण, महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक श्री सुरेश तोमर, चंबल संभाग के संयुक्त संचालक श्री डी के सिद्धार्थ, राज्य समन्वयक डब्ल्यूएचएच भोपाल श्रीमती प्रतिभा श्रीवास्तव, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और अधिकारीगण आदि उपस्थित थे। सम्मेलन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने भी अपने अनुभव साझा किए।
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी ने कार्यक्रम के शुरू में लगाए गए स्टॉलों का निरीक्षण कर जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को शॉल एवं प्रशंसा पत्र प्रदाय कर सम्मानित भी किया।
मंत्री श्रीमती इमरती देवी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का प्रयास है कि प्रदेश कुपोषण से मुक्त हो। इस दिशा में महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं अन्य अधिकारी-कर्मचारी अपनी महती जवाबदेही निर्वहन कर प्रदेश से कुपोषण को मुक्त करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से भी आग्रह करते हुए कहा कि जहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पदस्थ हैं वहाँ वे उपस्थित रहकर आंगनबाड़ी केन्द्र के माध्यम से हितग्राहियों को सेवाएं दें।
श्रीमती इमरती देवी ने कहा कि महिला बाल विकास के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं की लगन, मेहनत का ही परिणाम है कि प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर दो – दो पुरस्कार प्राप्त हुए। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार का प्रयास आगे भी रहे, जिससे भविष्य में विभाग को इसी प्रकार के पुरस्कार प्राप्त होते रहें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि कुपोषण कोई बीमारी नहीं है बल्कि बच्चों के आहार में पोषक तत्वों की कमी होना मुख्य कारण है। इसे घरों में उपयोग होने वाले खाद्य पदार्थों से दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मोबाइल फोन और उन्हें आवागमन में किसी प्रकार की परेशानी न हो और अपना कार्य बेहतर तरीके से कर सकें, इसके लिए साइकिल प्रदाय की जायेंगीं। इसके साथ ही प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए ड्रेस कोड निर्धारित किए जाने पर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्तायें केन्द्र के माध्यम से हितग्राहियों को सेवाएं देने के अलावा अन्य कोई कार्य उनसे नहीं लिया जायेगा। इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं।
संभाग आयुक्त श्री एम बी ओझा ने कार्यक्रम के आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि गांधी सेवा आश्रम ग्रामीण उत्थान के क्षेत्र में जो कार्य कर रहा है वह अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग में डेढ़ वर्षों के दौरान काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। जिसके पीछे महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी की सूझबूझ एवं मेहनत का ही परिणाम है। उन्होंने कहा कि डेढ़ वर्ष के दौरान प्रदेश के कुपोषण में भी काफी सुधार देखने को मिल रहा है। श्री ओझा ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को निर्देश देते हुए कहा कि कुपोषित बच्चों की देखभाल वे अपने बच्चों की तरह कर उन्हें इस समस्या से निकालने के हर संभव प्रयास करें।
संभाग आयुक्त ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्तायें ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं को किचिन गार्डन विकसित करने और घरों में पाए जाने वाले खाद्य पदार्थों से मिलने वाले पोषण तत्वों के बारे में जानकारी दें। उन्होंने कहा कि जन जागृति एवं विभाग के प्रयासों से ग्रामीणजन अपने बच्चों को अब आंगनबाड़ी केन्द्रों में भेज रहे हैं। हम सभी का दायित्व है कि एक वर्ष के दौरान ग्वालियर एवं चंबल संभाग को कुपोषण से मुक्त कराएं।
ग्रामीण कांग्रेस के जिला अध्यक्ष श्री मोहन सिंह राठौर ने कहा कि प्रदेश में महिला एवं बाल विकास मंत्री के नेतृत्व में विभाग में काफी ऐतिहासिक कार्य किए गए हैं, जिसके परिणाम प्रदेश में देखने को मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुपोषण के संबंध में समाज की मनस्थिति बदलन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अहम भूमिका अदा कर बदलाव ला सकती हैं। श्री राठौर ने इंदौर का उदाहरण देते हुए कहा कि इंदौर के मंदिरों में चढ़ावे के रूप में आने वाले नारियलों का उपयोग नारियल बर्फी के रूप में बच्चों को कुपोषण दूर करने में किया जा रहा है। इसी तर्ज पर जिले में भी पहल हो।
गाँधी सेवा आश्रम के श्री रणसिंह परमार ने बताया कि यह आयोजन गाँधी सेवा आश्रम जर्मनी की संस्था जीआईजेड तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त सहयोग से आयोजित किया गया है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में लगभग 127 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का सम्मान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुपोषण को कम करने की दिशा में तेजी के साथ कार्य किया जा रहा है। इस कार्य में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ गैर शासकीय संस्थायें भी पूर्ण रूप से सहयोग कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यह पहला मौका है कि इस कार्यक्रम का संचालन आंगनबाड़ी कार्यकार्ता ही कर रही हैं।
श्रीमती प्रतिभा श्रीवास्तव ने कार्यक्रम में बताया कि 2015 से छतरपुर व श्योपुर में कुपोषण को दूर करने के क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में आईसीडीएस की सेवाओं के माध्यम से लोगों के व्यवहार में परिवर्तन आया है। दोनों जिलों में तीन हजार कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया है। प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं द्वारा लगभग दो लाख महिलाओं को पोषण शिक्षा के माध्यम से जागृति लाने का कार्य किया है। इन प्रशिक्षित आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से अन्य जिलों के कार्यकर्ताओं को भी प्रशिक्षित किया जायेगा।