दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के तहत संभाग स्तरीय कार्यशाला सम्पन्न
विधायक श्री मुन्नालाल गोयल ने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने दिव्यांगों के कल्याण एवं भलाई के लिए अनेकों योजनायें संचालित की हैं। आवश्यकता इस बात की है कि दिव्यांग अधिकार अधिनियम के तहत उन्हें जो अधिकार दिए गए हैं उनकी जानकारी प्रदाय कर उन्हें लाभ दिलायें।
श्री मुन्नालाल गोयल ने उक्त आशय के विचार दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के तहत ग्वालियर एवं चंबल संभाग के अधिकारियों, स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों की बुधवार को आयोजित संभाग स्तरीय कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए।
तानसेन रेसीडेंसी ग्वालियर में आयोजित कार्यशाला में ग्वालियर संभाग आयुक्त श्री एम बी ओझा, नि:शक्तजन आयुक्त श्री संदीप रजक, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण संचालक श्री के जी तिवारी, कलेक्टर श्री अनुराग चौधरी, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री शिवम वर्मा, जिला पंचायत मुरैना के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री तरूण भटनागर, सीआरसी भोपाल के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. गणेश अरूण, विशेष मल्टीपल स्कॉलरसिस नईदिल्ली से श्रीमती रेनुका मालाकार, मेडीकल कॉलेज छिंदवाड़ा के डॉ. संदीप ढोले, डिप्टी कलेक्टर एवं अधीक्षक, शासकीय दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ उच्च्तर माध्यमिक विद्यालय ग्वालियर संभाग के डॉ. संजीव खेमरिया, संयुक्त आयुक्त श्री राजकुमार शर्मा सहित ग्वालियर एवं चंबल संभाग के सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारी, अशासकीय संगठनों के प्रतिनिधिगण आदि उपस्थित थे।
श्री मुन्नालाल गोयल ने कार्यशाला का दीप प्रज्ज्वलित कर एवं महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण कर शुभारंभ करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने दिव्यांगजन अपने अधिकारों से वंचित न रहें और शासन की योजनाओं का उन्हें पूर्ण रूप से लाभ मिले, इसके लिए दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों एवं समाज के कमजोर तबके के लोगों के लिए शासन द्वारा जो योजनायें संचालित की जा रही हैं, उनका लाभ उन तक पहुँचे, यह हम सबकी नैतिक एवं सामाजिक जवाबदारी है। श्री गोयल ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की राशि 28 हजार से बढ़ाकर 51 हजार कर दी है। वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत भी राशि बढ़ाई गई है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को उनके कल्याण एवं भलाई के लिये संचालित योजनाओं की जानकारी देने हेतु जनजागरण अभियान की आवश्यकता है।
दिव्यांगजनों को पूरी संवेदनशीलता के साथ योजनाओं का लाभ दिलायें – आयुक्त श्री ओझा
ग्वालियर संभाग आयुक्त श्री एम बी ओझा ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि कार्यशाला का आयोजन करने का मुख्य मकसद दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए कार्य करने वाली गैर शासकीय संस्थाओं को दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की विस्तार से जानकारी प्रदाय कर दिव्यांगजनों को लाभ दिलाना है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के तहत यह भी प्रावधान है कि किसी भी अधिकारी एवं कर्मचारी पर अधिनियम का पालन न करने पर या उसके अनुरूप दिव्यांगजनों को सेवा न देने पर अर्थदण्ड की भी कार्रवाई की जायेगी।
उन्होंने संभाग के विभिन्न जिलों से आए अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशील एवं सहानुभूति का भाव रखकर उन्हें योजनाओं का लाभ दिलायें एवं दिव्यांगजनों के प्रति अधीनस्थ अधिकारी-कर्मचारी अपनी मानसिकता भी बदलें। उन्होंने सामाजिक न्याय विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला के लिए आयुक्त एवं संचालक के प्रति साधुवाद देते हुए कहा कि संभाग के अधिकारियों को इस कार्यशाला के माध्यम से अधिनियम के महत्वपूर्ण बिंदुओं की जानकारी प्राप्त होगी।
सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन आयुक्त श्री संदीप रजक ने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की जानकारी देते हुए प्रावधानों से अवगत कराते हुए कहा कि दिव्यांगजनों को दया एवं सहानुभूति की जरूरत नहीं है बल्कि उन्हें उनके अधिकारों के प्रति सजग करना है। उन्होंने बताया कि 15 जून 2017 को यह अधिनियम बनाया गया। मध्यप्रदेश में 25 जनवरी 2018 को इस अधिनियम को लागू किया गया। इस अधिनियम का पालन करने के लिए हम सभी बाध्य हैं। उन्होंने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के विभिन्न प्रावधानों की जानकारी देते हुए कहा कि दिव्यांगजनों को इस अधिनियम के तहत बराबरी का अधिकार देने के साथ-साथ समान अवसर भी प्रदाय किए गए हैं।
श्री रजक ने ग्वालियर जिले में गत विधानसभा व लोकसभा निर्वाचन में दिव्यांगजनों के लिए मतदान हेतु जो सहयोग एवं वातावरण दिया गया, उसी का परिणाम है कि दिव्यांगजनों का मतदान प्रतिशत भी जिले में बढ़ा। श्री रजक ने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालायें जिले में भी आयोजित की जायें। उन्होंने बताया कि सभी निर्माण एजेन्सियों को निर्देश दिए गए हैं कि दिव्यांगजनों को आने-जाने में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए सभी शासकीय भवनों मॉल, एटीएम, बैंक आदि में रैम्प बनाए जाएं। ऐसा न करने पर कार्रवाई का भी प्रावधान है।